केंद्रीय कर्मचारियों के डीए कैलकुलेशन में बदलाव की मांग | DA Calculation Central Govt

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए DA फॉर्मूले में सुधार की मांग

केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और श्रमिकों के परिसंघ ने सरकार से महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) की गणना के फार्मूले में बदलाव की अपील की है। परिसंघ चाहता है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को हर तीन महीने में महंगाई के आधार पर भत्ता दिया जाए। इस संबंध में परिसंघ के महासचिव एस. बी. यादव ने यूनियन कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर सुधार की मांग की है।


DA कैलकुलेशन में असमानता का मुद्दा

एस. बी. यादव द्वारा लिखे पत्र में सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों के DA कैलकुलेशन में असमानता का उल्लेख किया गया है। सरकारी बैंकों और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए DA कैलकुलेशन का तरीका केंद्र सरकार के अन्य विभागों से अलग है। परिसंघ ने सुझाव दिया है कि वर्तमान में 12 महीने के औसत पर आधारित गणना को तीन महीने के औसत से बदला जाए। ऐसा करने से अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों की तरह हर तीन महीने में महंगाई के आधार पर उचित मुआवजा मिल सकेगा।

DA कैलकुलेशन के मौजूदा फार्मूले

  1. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए
    DA = { (पिछले 12 महीनों के लिए AICPI (बेस ईयर 2016=100) का औसत – 115.76) / 115.76 } × 100

  2. सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए
    DA = { (पिछले 3 महीनों के लिए AICPI (बेस ईयर 2001=100) का औसत – 126.33) / 126.33 } × 100

समानता लाने की मांग

परिसंघ ने पत्र में यह भी कहा है कि बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारियों के DA में हर तीन महीने में संशोधन किया जाता है। जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को छह महीने तक 0.9 प्रतिशत DA से वंचित रहना पड़ता है। उन्होंने मांग की है कि बैंक और LIC कर्मचारियों की तरह केंद्र सरकार के कर्मचारियों को भी पॉइंट-टू-पॉइंट DA दिया जाए।

इस सुधार से कर्मचारियों को महंगाई की वास्तविक दर के हिसाब से समय पर राहत मिलेगी।

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