UP DGSE को हाईकोर्ट का झटका : सहायक अध्यापकों से कानून के खिलाफ बीएलओ ड्यूटी न लेने का हाईकोर्ट ने दिया महानिदेशक को निर्देश
प्रयागराज : कोर्ट ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया है कि वह याची की अर्जी पर जिलाधिकारी कौशाम्बी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कौशाम्बी को कानून का पालन करने का जरूरी निर्देश जारी करें। सहायक अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 की धारा 27 के उपबंधों का पालन करते हुए सहायक अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य न लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया है कि वह याची की अर्जी पर जिलाधिकारी कौशाम्बी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कौशाम्बी को कानून का पालन करने का जरूरी निर्देश जारी करें।
सहायक अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने आनंद कुमार व 73 अन्य कौशाम्बी के प्राइमरी स्कूलों के सहायक अध्यापकों की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
याची की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट ने सुनीता शर्मा केस में स्पष्ट तौर पर सहायक अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य न लेने का निर्देश जारी किया है। इसके बावजूद याचियों को बीएलओ ड्यूटी पर लगाया जा रहा है। याचीगण का कहना है कि बीएलओ ड्यूटी अन्य कर्मचारियों से ली जाए। बहुत जरूरी हो तो छुट्टियों में लगाया जाए। कोर्ट ने कहा कि सहायक अध्यापकों से अनिवार्य शिक्षा कानून के खिलाफ बीएलओ का कार्य लेने का आदेश कायम रहने योग्य नहीं है।