प्रान के अभाव में 18 सौ परिषदीय शिक्षकों के वेतन पर संकट के बादल | NO NPS NO SALARY
महाराजगंज | बेसिक शिक्षा विभाग में एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त करीब 18 सौ शिक्षकों के वेतन भुगतान पर संकट का बादल मंडरा रहा है। इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि इन शिक्षकों को एनपीएस के तहत अभी तक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर(प्रान) अभी तक आवंटित नहीं हो पाया है। वित्त नियंत्रक के बाद डीएम के सख्त निर्देश के बाद वित्त एवं लेखाधिकारी ने सभी बीईओ को पत्र भेज प्रान के लिए शिक्षक व कर्मियों को पांच दिन में एनपीएस फार्म उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। लेकिन यह समय सीमा बीत चुकी है। ऐसे में दिसंबर माह के वेतन भुगतान पर संकट दिख रहा है।
नवीन पेंशन योजना के तहत वर्ष 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों का शत प्रतिशत एनपीएस फार्म भरवाने का निर्देश वित्त नियंत्रक ने बीते साल फरवरी व नवंबर में पत्र जारी किया है। बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी ने भी जून व सितंबर में सभी बीईओ को पत्र भेजा, लेकिन अभी तक शत प्रतिशत एनपीएस फार्म जमा नहीं हो पाया है। डीएम ने बीते 21 दिसंबर को सभी आहरण वितरण अधिकारी को पत्र भेज आदेश दिया है कि बिना प्रान आवंटन किसी भी कर्मी का दिसंबर माह माह का वेतन भुगतान नहीं किया जाए। वित्त एवं लेखाधिकारी ने डीएम के पत्र के बाद सभी बीईओ 16 दिसंबर को पत्र भेज एनपीएस फार्म पांच दिन के अंदर जमा कराने का निर्देश दिया, लेकिन आदेश पर अमल नहीं हुआ। अब वेतन भुगतान के समय कोषागार ने बिना प्रान वेतन भुगतान नहीं करने पर संकेत दिया है। इससे शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
वेतन के लिए डीएम से मिले शिक्षक नेता
इस मामले में सोमवार को प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष केशव मणि त्रिपाठी, जिला मंत्री सत्येन्द्र कुमार मिश्र संगठन के प्रतिनिधिमंडल के साथ डीएम से मिले। करीब 18 सौ शिक्षकों के एनपीएस फार्म नहीं भरने या प्रान नंबर एलॉट नहीं होने के कारण दिसंबर माह में वेतन भुगतान में आ रही दिक्कतों के संबंध में पत्र दिया। शीघ्र वेतन भुगतान की मांग किया। जिलाध्यक्ष केशव मणि त्रिपाठी के मुताबिक डीएम ने आश्वासन दिया है कि दिसंबर माह का वेतन शीघ्र भुगतान करा दिया जाएगा। आप सभी कैंप लगाकर एनपीएस फार्म भरवा लें। जिससे सभी का प्रान नंबर एलॉट हो जाए। प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष बैजनाथ सिंह, राघवेंद्र पांडेय, मनौवर अली, अखिलेश पाठक आदि पदाधिकारी शामिल रहे।